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प्राचीन इतिहास

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राजा जनक के यहाँ एक कन्या हुई।

सीता, जिन्हें जानकी के नाम से भी जाना जाता है, मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, वह एक खेत में पाई गई थीं जब राजा जनक यज्ञ के लिए भूमि को जोत रहे थे। उन्हें देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 21/7/2025
कर्म · 620
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आदिकाल को कई नामों से जाना जाता है, जो इस प्रकार हैं:
  • वीरगाथा काल: यह नाम आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने दिया था, क्योंकि इस काल में वीर रस से ओतप्रोत रचनाएँ लिखी गईं।
  • सिद्ध-सामंत काल: यह नाम राहुल सांकृत्यायन ने दिया था, क्योंकि इस काल में सिद्धों और सामंतों का प्रभाव था।
  • चारण काल: यह नाम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया था, क्योंकि इस काल में चारण कवियों ने वीरगाथाएँ लिखीं।
  • प्रारम्भिक काल: यह नाम मिश्र बंधुओं ने दिया था।
  • आदिकाल: यह नाम हजारी प्रसाद द्विवेदी ने दिया था और यह नाम सबसे अधिक मान्य है।

ये सभी नाम आदिकाल की विभिन्न विशेषताओं और प्रवृत्तियों को दर्शाते हैं।

उत्तर लिखा · 24/5/2025
कर्म · 620
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सिंधु घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है, का उदय लगभग 3300 ईसा पूर्व में हुआ था। यह सभ्यता 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व के बीच अपने चरम पर थी। यह प्राचीन सभ्यता सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई थी, जो अब पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत है।

अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 8/5/2025
कर्म · 620
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नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी ईस्वी में गुप्त साम्राज्य के शासक कुमारगुप्त प्रथम ने की थी। यह प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।

स्रोत:

उत्तर लिखा · 11/4/2025
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कल्चुरियों की दो मुख्य शाखाएँ थीं और उनकी राजधानियाँ अलग-अलग थीं:

  • त्रिपुरी के कल्चुरि: इनकी राजधानी त्रिपुरी थी, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश में स्थित तेवर नामक स्थान है।
  • रतनपुर के कल्चुरि: इनकी राजधानी रतनपुर थी, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है।

अधिक जानकारी के लिए आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 11/4/2025
कर्म · 620
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महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और निर्णायक युद्ध था। यह युद्ध कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। इस युद्ध के कई कारण थे, जिनमें से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  1. द्रौपदी का अपमान:

    द्रौपदी को जुए में हारने के बाद दुर्योधन ने भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया। इस घटना से पांडवों को गहरा आघात लगा और उन्होंने इसका बदला लेने का संकल्प लिया।विकिपीडिया: द्रौपदी

  2. युधिष्ठिर का जुआ खेलना:

    युधिष्ठिर को जुआ खेलने की बुरी आदत थी, जिसके कारण उन्होंने अपना राज्य, अपनी संपत्ति और अपने भाइयों को दांव पर लगा दिया और हार गए। इस कारण पांडवों को बहुत कष्ट हुआ और उन्हें वनवास जाना पड़ा।लाइव हिन्दुस्तान: जुआ महाभारत युद्ध का मूल

  3. कौरवों का अन्यायपूर्ण व्यवहार:

    कौरवों ने पांडवों के साथ हमेशा अन्यायपूर्ण व्यवहार किया। उन्होंने पांडवों को उनका हक देने से इनकार कर दिया और उन्हें राज्य से बाहर निकालने की साजिश रची। दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था और उन्हें हर तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता था। भक्ति भजन: कौरवों और पांडवों का जन्म

  4. कृष्ण का शांति प्रस्ताव विफल होना:

    भगवान कृष्ण ने युद्ध को टालने के लिए कौरवों के पास शांति प्रस्ताव भेजा, लेकिन दुर्योधन ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। दुर्योधन पांडवों को सुई की नोंक जितनी भी जमीन देने को तैयार नहीं था।

इन सभी कारणों के परिणामस्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ, जो भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उत्तर लिखा · 12/3/2025
कर्म · 620
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पुराणों में सम्राट अशोक को अशोकवर्धन कहा गया है...

अशोक के शिलालेखों में अरमाइक, ग्रीक, ब्राह्यी और खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया है....

अशोक महान कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया था ...

अशोक महान उपगुप्त बौद्ध भिक्षु से बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी ...

अशोक के सारनाथ के स्तम्भ पर चार सिंहों का शीर्ष बनाया गया है...

अशोक का विवाह महादेवी राजकुमारी से हुआ था ...

बौद्ध ग्रंथों के ग्रन्थ के अनुसार अशोक अपने निन्यानवे भाइयों का वध कर मगध की गद्दी पर बैठा था ...

तीसरी बौद्ध संगीति अशोक शासनकाल में संपन्न हुआ था ...

सम्राट अशोक का 7वां अभिलेख सबसे लम्बा है ...

उत्तर लिखा · 11/7/2018
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