महाभारत का युद्ध क्यों हुआ?
महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और निर्णायक युद्ध था। यह युद्ध कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। इस युद्ध के कई कारण थे, जिनमें से कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
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द्रौपदी का अपमान:
द्रौपदी को जुए में हारने के बाद दुर्योधन ने भरी सभा में द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया। इस घटना से पांडवों को गहरा आघात लगा और उन्होंने इसका बदला लेने का संकल्प लिया।विकिपीडिया: द्रौपदी
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युधिष्ठिर का जुआ खेलना:
युधिष्ठिर को जुआ खेलने की बुरी आदत थी, जिसके कारण उन्होंने अपना राज्य, अपनी संपत्ति और अपने भाइयों को दांव पर लगा दिया और हार गए। इस कारण पांडवों को बहुत कष्ट हुआ और उन्हें वनवास जाना पड़ा।लाइव हिन्दुस्तान: जुआ महाभारत युद्ध का मूल
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कौरवों का अन्यायपूर्ण व्यवहार:
कौरवों ने पांडवों के साथ हमेशा अन्यायपूर्ण व्यवहार किया। उन्होंने पांडवों को उनका हक देने से इनकार कर दिया और उन्हें राज्य से बाहर निकालने की साजिश रची। दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था और उन्हें हर तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता था। भक्ति भजन: कौरवों और पांडवों का जन्म
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कृष्ण का शांति प्रस्ताव विफल होना:
भगवान कृष्ण ने युद्ध को टालने के लिए कौरवों के पास शांति प्रस्ताव भेजा, लेकिन दुर्योधन ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। दुर्योधन पांडवों को सुई की नोंक जितनी भी जमीन देने को तैयार नहीं था।
इन सभी कारणों के परिणामस्वरूप महाभारत का युद्ध हुआ, जो भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।