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पुराणों में अशोक का क्या नाम था?
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पुराणों में सम्राट अशोक को अशोकवर्धन कहा गया है...
अशोक के शिलालेखों में अरमाइक, ग्रीक, ब्राह्यी और खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया है....
अशोक महान कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया था ...
अशोक महान उपगुप्त बौद्ध भिक्षु से बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी ...
अशोक के सारनाथ के स्तम्भ पर चार सिंहों का शीर्ष बनाया गया है...
अशोक का विवाह महादेवी राजकुमारी से हुआ था ...
बौद्ध ग्रंथों के ग्रन्थ के अनुसार अशोक अपने निन्यानवे भाइयों का वध कर मगध की गद्दी पर बैठा था ...
तीसरी बौद्ध संगीति अशोक शासनकाल में संपन्न हुआ था ...
सम्राट अशोक का 7वां अभिलेख सबसे लम्बा है ...
अशोक के शिलालेखों में अरमाइक, ग्रीक, ब्राह्यी और खरोष्ठी लिपि का प्रयोग किया गया है....
अशोक महान कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया था ...
अशोक महान उपगुप्त बौद्ध भिक्षु से बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी ...
अशोक के सारनाथ के स्तम्भ पर चार सिंहों का शीर्ष बनाया गया है...
अशोक का विवाह महादेवी राजकुमारी से हुआ था ...
बौद्ध ग्रंथों के ग्रन्थ के अनुसार अशोक अपने निन्यानवे भाइयों का वध कर मगध की गद्दी पर बैठा था ...
तीसरी बौद्ध संगीति अशोक शासनकाल में संपन्न हुआ था ...
सम्राट अशोक का 7वां अभिलेख सबसे लम्बा है ...
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पुराणों में अशोक को 'अशोकावर्धन' के नाम से जाना जाता था।
अशोकावर्धन का अर्थ है "अशोक जो कीर्ति में वृद्धि करता है"।
यह नाम उनकी कीर्ति और प्रसिद्धि को दर्शाता है, विशेष रूप से कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाने और धम्म के प्रचार में उनके योगदान के कारण।
स्रोतों के अनुसार: