मेजनी कौन था?
आधुनिक इटली के जन्मदाता और इटली का एकीकरण करने वाले मेजिनी उन महान् मानवों में से एक थे, जिन्होंने मानव कल्याण की भावना से ही कार्य किया । साधनों की कमी के बाद भी अपनी अधिकांश शक्ति इटली के उत्थान में लगायी ।
वह सच्चा धार्मिक था, अत: मानव सेवा और देश सेवा को ही सच्ची पूजा समझता था । उसका असाधारण चरित्र मानवीय गुणों से पूर्ण था । वह प्रजातन्त्र तथा राष्ट्रीयता का जबरदस्त समर्थक था । विश्व के भूगोल में इटली की सुदृढ़ स्थिति और उसके सारे वैभव व सम्पन्नता का वास्तविक हकदार मेजिनी ही है ।
2. जीवन वृत्त एवं उपलब्धियां:
मेजिनी का जन्म इटली के जेनोआ में सन् 1805 को एक सुशिक्षित परिवार में हुआ था । उसके पिता एक डॉक्टर थे और मां धार्मिक संस्कारों वाली महिला थी । बाल्यावस्था से ही मेजिनी के मन में दीन-दुखियों के प्रति दयाभाव था । 6 वर्ष की अवस्था में तो उसने एक-वृद्ध फकीर को गिरिजाघर की सीढियों पर असहाय अवस्था में देखा, तो अपनी मां से उसकी कुछ आर्थिक सहायता हेतु जिद करने लगा । अन्तत: उसकी माता को बालक मेजिनी की जिद के आगे झुकना ही पड़ा ।
स्कूली जीवन में वह गरीब विद्यार्थियों को पुस्तकें, कपड़े आदि देकर उनकी सहायता किया करता था । कॉलेज में पढ़ते समय मेजिनी ने शिष्टाचार का हमेशा ध्यान रखा । मेजिनी ने किसी प्रकार का व्यसन भी नहीं पाल रखा था । अपने डॉक्टर पिता को चीर-फाड़ करते देखकर वह बीमार हो जाता था । उसने डॉक्टरी पढ़ने की बजाय वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की । विद्यार्थी जीवन से ही अपने देश के निरंकुश और स्वेच्छाचारी शासक का व्यवहार देखकर वह क्षुब्द हो उठता था ।
इटली की जनता के सम्मान के साथ-साथ वह इटली को एक एकीकृत राज्य के रूप में देखना चाहता था; क्योंकि उस समय इटली पराधीन होने के साथ टुकड़ों-टुकड़ों में बंटा हुआ था । इसीलिए उसने ”कार्बोनेरी” नामक क्रान्तिकारी संगठन से अपने आपको जोड़ लिया । अपनी क्रान्तिकारी गतिविधियों के कारण उसे गिरफतार कर लिया गया । उस समय इटली आन्तरिक फूट का शिकार था ।
देश मे एकता व संगठन का अभाव था । 6 माह का कारावास भुगतने के बाद उसे देश निकाला दे दिया गया और वह वहा से फ्रांस चला आया, जहां उसने ”यंग इटली” नामक समाचार-पत्रिका निकाली । इस पत्र के माध्यम से वह इटली को स्वतन्त्र कराने के साथ-साथ देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता का संचार करना चाहता था ।
देशभक्ति की भावना को जागृत करने वाली इस पत्रिका को पढ़कर हजारों नवयुवकों ने देश सेवा का संकल्प लिया । यहां मी पुलिस मैजिनी के पीछे पड़ी थी । वह फ्रांस को छोड़कर स्विटजरलैण्ड आ पहुचा और वहा के सेनाध्यक्ष जनरल रामाविनोकी रो सैनिक सहायता मांगी ।
सहायता का वचन देने वाले सेनाध्यक्ष ने विश्वासघात करते हुए मैजिनी की पूरी योजना का भंडाफोड़ ही कर दिया, जिससे मेजिनी के सारे क्रान्तिकारी गिरफ्तार कर लिये गये, जिसमें मेजिनी का प्रिय साथी जैकब रफैनी भी था । पुलिस ने मेजिनी का पता जानने के लिए उस पर सैकड़ों अत्याचार किये । जैकब ने आत्महत्या कर ली, किन्तु अपना मुंह नहीं खोला ।
ज्युसेपे मेजिनी (Giuseppe Mazzini) एक इतालवी राजनेता, पत्रकार, कार्यकर्ता और इतालवी एकीकरण के प्रबल समर्थक थे। उनका जन्म 22 जून 1805 को जेनोआ में हुआ था और मृत्यु 10 मार्च 1872 को पीसा में हुई।
मेजिनी को इतालवी राष्ट्रवाद के जनक के रूप में जाना जाता है और उन्होंने "यंग इटली" नामक एक गुप्त क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य इटली को एक स्वतंत्र, एकीकृत गणराज्य बनाना था।
मेजिनी के विचारों ने 19वीं सदी के इतालवी राष्ट्रवादियों को बहुत प्रभावित किया और इतालवी एकीकरण (Risorgimento) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह न केवल एक राजनीतिक विचारक थे, बल्कि एक दार्शनिक और लेखक भी थे, जिन्होंने अपने विचारों को फैलाने के लिए कई लेख और निबंध लिखे।
अधिक जानकारी के लिए, आप विकिपीडिया पर ज्युसेपे मेजिनी के बारे में पढ़ सकते हैं: ज्युसेपे मेजिनी (विकिपीडिया)