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नागरिक मामले

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छत्तीसगढ़ में, मृत्यु प्रमाण पत्र आमतौर पर मृत्यु होने के 21 दिनों के भीतर बन जाता है।

मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया:

  1. आवेदन: मृत्यु के बाद, परिवार के सदस्य या रिश्तेदार को निर्धारित फॉर्म भरकर स्थानीय नगर पालिका या ग्राम पंचायत में आवेदन करना होता है।
  2. आवश्यक दस्तावेज: आवेदन के साथ, मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं।
  3. सत्यापन: जमा किए गए दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
  4. प्रमाण पत्र जारी करना: सत्यापन के बाद, मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप छत्तीसगढ़ सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय नगर पालिका/ग्राम पंचायत से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत:

उत्तर लिखा · 24/6/2025
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मृत्यु प्रमाण पत्र मृत्यु होने के बाद जल्द से जल्द बनवा लेना चाहिए। आमतौर पर, मृत्यु के 21 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।

दिल्ली सरकार के अनुसार, जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार, मृत्यु होने के 21 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना आवश्यक है। यदि 21 दिनों के बाद पंजीकरण कराया जाता है, तो विलंब शुल्क देना पड़ सकता है।

  • 21 दिनों के भीतर: नि:शुल्क
  • 21 दिनों के बाद लेकिन 30 दिनों के भीतर: विलंब शुल्क
  • 30 दिनों के बाद लेकिन एक वर्ष के भीतर: जिलाधिकारी से अनुमति के बाद
  • एक वर्ष के बाद: मजिस्ट्रेट से आदेश के बाद

यह समय सीमा अलग-अलग राज्यों में थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर जल्द से जल्द पंजीकरण कराना ही उचित होता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप अपने राज्य के स्थानीय नगर निगम या पंचायत कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत: दिल्ली सरकार वेबसाइट

उत्तर लिखा · 21/6/2025
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मृत्यु प्रमाण पत्र आमतौर पर स्थानीय नगर पालिका, नगर निगम, या ग्राम पंचायत द्वारा बनाया जाता है। यह उस क्षेत्र पर निर्भर करता है जहाँ मृत्यु हुई है। अस्पताल या नर्सिंग होम भी मृत्यु की सूचना संबंधित कार्यालय को देते हैं, जिसके बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप अपनी स्थानीय नगर पालिका या पंचायत कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत:

उत्तर लिखा · 15/6/2025
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