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हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना कौन सी है?
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हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचना कौन सी है?
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हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं
√आलोचनात्मक
सूर साहित्य (1936)
हिन्दी साहित्य की भूमिका (1940)
प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
कबीर (1942)
नाथ संप्रदाय (1950)
हिन्दी साहित्य का आदिकाल (1952)
आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार (1949)
साहित्य का मर्म (1949)
मेघदूत: एक पुरानी कहानी (1957)
लालित्य तत्त्व (1962)
साहित्य सहचर (1965)
कालिदास की लालित्य योजना (1965)
मध्यकालीन बोध का स्वरूप (1970)
हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास (1952)
मृत्युंजय रवीन्द्र (1970)
सहज साधना (1963)
√निबंध संग्रह
अशोक के फूल (1948)
कल्पलता (1951)
विचार और वितर्क (1954)
विचार-प्रवाह (1959)
कुटज (1964)
विश के दन्त
√उपन्यास
बाणभट्ट की आत्मकथा (1946)
चारु चंद्रलेख(1963)
पुनर्नवा(1973)
अनामदास का पोथा(1976)
अन्य संपादित करें
संक्षिप्त पृथ्वीराज रासो (1957)
संदेश रासक (1960)
सिक्ख गुरुओं का पुण्य स्मरण (1979)
महापुरुषों का स्मरण (1977)
√ग्रन्थावली एवं ऐतिहासिक व्याकरण
अगस्त 1981 ई० में आचार्य द्विवेदी की उपलब्ध सम्पूर्ण रचनाओं का संकलन 11 खंडों में हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली के नाम से प्रकाशित हुआ। यह प्रथम संस्करण 2 वर्ष से भी कम समय में समाप्त हो गया। द्वितीय संशोधित परिवर्धित संस्करण[12] 1998 ई० में प्रकाशित हुआ।
आचार्य द्विवेदी ने हिन्दी भाषा के ऐतिहासिक व्याकरण के क्षेत्र में भी काम किया था। उन्होंने 'हिन्दी भाषा का वृहत् ऐतिहासिक व्याकरण' के नाम से चार खण्डों में विशाल व्याकरण ग्रन्थ की रचना की थी। इसकी पांडुलिपि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को सौंपी गयी थी, परंतु लंबे समय तक वहाँ से इसका प्रकाशन नहीं हुआ और अंततः वहाँ से पांडुलिपियाँ ही गायब हो गयीं।[13] द्विवेदी जी के पुत्र मुकुन्द द्विवेदी को उक्त वृहत् ग्रन्थ के प्रथम खण्ड की प्रतिकापी मिली और सन 2011 ई० में इस विशाल ग्रंथ का पहला खण्ड हिन्दी भाषा का वृहत् ऐतिहासिक व्याकरण के नाम से प्रकाशित हुआ। इसी ग्रंथ को यथावत् ग्रन्थावली के 12वें खंड के रूप में भी सम्मिलित करके अब 12 खण्डों में 'हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली' का प्रकाशन हो रहा है।
√आलोचनात्मक
सूर साहित्य (1936)
हिन्दी साहित्य की भूमिका (1940)
प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
कबीर (1942)
नाथ संप्रदाय (1950)
हिन्दी साहित्य का आदिकाल (1952)
आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार (1949)
साहित्य का मर्म (1949)
मेघदूत: एक पुरानी कहानी (1957)
लालित्य तत्त्व (1962)
साहित्य सहचर (1965)
कालिदास की लालित्य योजना (1965)
मध्यकालीन बोध का स्वरूप (1970)
हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास (1952)
मृत्युंजय रवीन्द्र (1970)
सहज साधना (1963)
√निबंध संग्रह
अशोक के फूल (1948)
कल्पलता (1951)
विचार और वितर्क (1954)
विचार-प्रवाह (1959)
कुटज (1964)
विश के दन्त
√उपन्यास
बाणभट्ट की आत्मकथा (1946)
चारु चंद्रलेख(1963)
पुनर्नवा(1973)
अनामदास का पोथा(1976)
अन्य संपादित करें
संक्षिप्त पृथ्वीराज रासो (1957)
संदेश रासक (1960)
सिक्ख गुरुओं का पुण्य स्मरण (1979)
महापुरुषों का स्मरण (1977)
√ग्रन्थावली एवं ऐतिहासिक व्याकरण
अगस्त 1981 ई० में आचार्य द्विवेदी की उपलब्ध सम्पूर्ण रचनाओं का संकलन 11 खंडों में हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली के नाम से प्रकाशित हुआ। यह प्रथम संस्करण 2 वर्ष से भी कम समय में समाप्त हो गया। द्वितीय संशोधित परिवर्धित संस्करण[12] 1998 ई० में प्रकाशित हुआ।
आचार्य द्विवेदी ने हिन्दी भाषा के ऐतिहासिक व्याकरण के क्षेत्र में भी काम किया था। उन्होंने 'हिन्दी भाषा का वृहत् ऐतिहासिक व्याकरण' के नाम से चार खण्डों में विशाल व्याकरण ग्रन्थ की रचना की थी। इसकी पांडुलिपि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को सौंपी गयी थी, परंतु लंबे समय तक वहाँ से इसका प्रकाशन नहीं हुआ और अंततः वहाँ से पांडुलिपियाँ ही गायब हो गयीं।[13] द्विवेदी जी के पुत्र मुकुन्द द्विवेदी को उक्त वृहत् ग्रन्थ के प्रथम खण्ड की प्रतिकापी मिली और सन 2011 ई० में इस विशाल ग्रंथ का पहला खण्ड हिन्दी भाषा का वृहत् ऐतिहासिक व्याकरण के नाम से प्रकाशित हुआ। इसी ग्रंथ को यथावत् ग्रन्थावली के 12वें खंड के रूप में भी सम्मिलित करके अब 12 खण्डों में 'हजारीप्रसाद द्विवेदी ग्रन्थावली' का प्रकाशन हो रहा है।
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आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी साहित्य के एक प्रमुख निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं:
- निबंध संग्रह:
- अशोक के फूल
- कुटज
- विचार और वितर्क
- विचार प्रवाह
- कल्पलता
- नख-शिख
- उपन्यास:
- बाणभट्ट की आत्मकथा
- चारु चंद्रलेख
- पुनर्नवा
- अनामदास का पोथा
- आलोचना ग्रंथ:
- सूर साहित्य
- कबीर
- हिंदी साहित्य की भूमिका
- मध्यकालीन बोध का स्वरूप
- नाथ संप्रदाय
- कालिदास की लालित्य योजना
- इतिहास ग्रंथ:
- हिंदी साहित्य का आदिकाल
- अनुवाद:
- प्रबंध चिंतामणि
- पुरुष परीक्षा
- लाल कनेर
अधिक जानकारी के लिए आप विकिपीडिया पर हजारी प्रसाद द्विवेदी के बारे में पढ़ सकते हैं।