नाटक की कहानी बेशक भूतकाल का भविष्य काल से संबंध हो, तभी उसे वर्तमान काल में घटित होना पड़ता है। इस धारणा के पीछे के कारणों में से किन्हीं तीन कारणों को लिखिए?
नाटक की कहानी बेशक भूतकाल का भविष्य काल से संबंध हो, तभी उसे वर्तमान काल में घटित होना पड़ता है। इस धारणा के पीछे के कारणों में से किन्हीं तीन कारणों को लिखिए?
नाटक की कहानी चाहे भूतकाल की हो या भविष्य काल की, उसे वर्तमान काल में ही घटित होना पड़ता है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें से तीन मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
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प्रेक्षक का अनुभव: नाटक देखने वाले दर्शक वर्तमान में मौजूद होते हैं। वे कहानी को अपनी आँखों से देखते हैं, कानों से सुनते हैं और अपने मन से महसूस करते हैं। इसलिए, कहानी को वर्तमान में ही घटित होना पड़ता है ताकि दर्शक उससे जुड़ सकें और उसे समझ सकें।
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अभिव्यक्ति की संभावना: नाटक एक कला है जो अभिनय, संवाद, संगीत और अन्य माध्यमों से अपनी बात कहती है। इन सभी माध्यमों का उपयोग वर्तमान में ही किया जा सकता है। कलाकार वर्तमान में ही अभिनय करते हैं, संवाद बोलते हैं और संगीत बजाते हैं। इसलिए, कहानी को वर्तमान में ही घटित होना पड़ता है ताकि कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें।
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संदेश का प्रभाव: नाटक अक्सर किसी संदेश को दर्शकों तक पहुँचाना चाहता है। यह संदेश वर्तमान में ही दिया जा सकता है ताकि दर्शक उस पर विचार कर सकें और अपने जीवन में बदलाव ला सकें। यदि कहानी भूतकाल या भविष्य काल की है, तो भी उसका संदेश वर्तमान में ही प्रासंगिक होना चाहिए।
संक्षेप में, नाटक को वर्तमान में घटित होना पड़ता है क्योंकि यह दर्शकों के अनुभव, अभिव्यक्ति की संभावना और संदेश के प्रभाव के लिए आवश्यक है।