कोरोना महामारी के दौरान विद्यालय बंद रखने से आपकी शिक्षा में किस-किस तरह की हानि हुई?
कोरोना महामारी के दौरान विद्यालय बंद रखने से आपकी शिक्षा में किस-किस तरह की हानि हुई?
कोरोना महामारी के दौरान विद्यालय बंद रहने से मेरी शिक्षा में कई तरह की हानियाँ हुईं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
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सीधी सीखने की हानि:
विद्यालय बंद होने के कारण, नियमित कक्षाओं में होने वाली पढ़ाई बाधित हुई, जिससे पाठ्यक्रम को पूरा करने में कठिनाई हुई। शिक्षकों से सीधे संवाद और तत्काल प्रतिक्रिया मिलने में कमी आई, जिससे अवधारणाओं को समझने में परेशानी हुई।
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सामाजिक और भावनात्मक विकास में बाधा:
विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहाँ हम साथियों के साथ मिलकर सीखते हैं, खेलते हैं और सामाजिक कौशल विकसित करते हैं। विद्यालय बंद होने से यह अवसर छिन गया, जिससे सामाजिक और भावनात्मक विकास में बाधा आई।
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प्रायोगिक शिक्षा का अभाव:
विज्ञान और अन्य विषयों में प्रयोगों और गतिविधियों के माध्यम से सीखना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन विद्यालय बंद होने से यह संभव नहीं हो पाया। इससे विषयों की गहरी समझ विकसित करने में कमी आई।
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ऑनलाइन शिक्षा की सीमाएँ:
हालांकि ऑनलाइन शिक्षा एक विकल्प था, लेकिन यह सभी के लिए समान रूप से प्रभावी नहीं था। कई छात्रों के पास इंटरनेट और उपकरणों की कमी थी, जिससे वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नहीं ले पाए। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन शिक्षा में ध्यान केंद्रित करना और प्रेरित रहना भी मुश्किल था।
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परीक्षाओं और मूल्यांकन में अनिश्चितता:
विद्यालय बंद होने के कारण परीक्षाओं और मूल्यांकन की प्रक्रिया में अनिश्चितता बनी रही, जिससे छात्रों में तनाव और चिंता बढ़ी।
इन सभी कारणों से मेरी शिक्षा में कई तरह की हानियाँ हुईं, जिनकी भरपाई करने के लिए मुझे अतिरिक्त प्रयास करने पड़े।