मानसिक स्वास्थ्य
मानव चिन्तन की अन्तिम अवस्था कौन सी है?
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मानव चिन्तन की अन्तिम अवस्था कौन सी है?
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मानव चिंतन की अंतिम अवस्था को अतिमानसिक चिंतन कहा जाता है। यह चिंतन की वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति सत्य के स्वरूप को उसकी समग्रता में जानने में सक्षम होता है।
अतिमानसिक चिंतन की कुछ विशेषताएं:
- समग्रता का ज्ञान: इस अवस्था में व्यक्ति किसी भी विषय को उसके सभी पहलुओं के साथ समझ सकता है।
- भेदभाव का अभाव: व्यक्ति सभी चीजों को समान रूप से देखता है और उनमें कोई भेदभाव नहीं करता।
- सृजनात्मकता: व्यक्ति नई चीजों को बनाने और समस्याओं को हल करने में अधिक सक्षम होता है।
- आनंद: इस अवस्था में व्यक्ति हमेशा खुश और संतुष्ट रहता है।
अतिमानसिक चिंतन को प्राप्त करना एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन यह संभव है। इसके लिए, व्यक्ति को लगातार अभ्यास करना और अपने मन को शुद्ध करना होता है।