चुनाव
कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है, इस कथन का आशय क्या है? मित्र का चुनाव करने में हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? 'मित्रता' नामक पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है, इस कथन का आशय क्या है? मित्र का चुनाव करने में हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? 'मित्रता' नामक पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है, इस कथन का आशय:
इस कथन का आशय यह है कि बुरी संगति (कुसंग) का प्रभाव किसी भयानक बुखार से भी अधिक हानिकारक होता है। जिस प्रकार बुखार शरीर को कमजोर करता है, उसी प्रकार कुसंग हमारे चरित्र, नैतिकता और विवेक को नष्ट कर देता है। कुसंग में पड़ने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे गलत आदतों और विचारों का शिकार हो जाता है, जिससे उसका जीवन बर्बाद हो सकता है।
मित्र का चुनाव करने में ध्यान रखने योग्य बातें ( 'मित्रता' पाठ के आधार पर):
- सच्चा मित्र: मित्र ऐसा होना चाहिए जो सच्चा हो और हर परिस्थिति में साथ दे। सच्चे मित्र धोखा नहीं देते और हमेशा हमारा भला चाहते हैं।
- विश्वसनीय: मित्र विश्वसनीय होना चाहिए, जिस पर हम अपने रहस्य और बातें साझा कर सकें।
- मार्गदर्शक: मित्र ऐसा होना चाहिए जो हमें सही मार्ग दिखाए और गलत रास्ते पर जाने से रोके।
- सकारात्मक: मित्र सकारात्मक विचारों वाला होना चाहिए, जो हमें प्रेरित करे और हमारा मनोबल बढ़ाए।
- समान रुचियाँ: मित्र ऐसा होना चाहिए जिसकी रुचियाँ हमसे मिलती हों, ताकि हम साथ में समय बिता सकें और एक-दूसरे को समझ सकें।
- बुरी आदतों से दूर: हमें ऐसे लोगों से मित्रता नहीं करनी चाहिए जिनकी आदतें बुरी हों, क्योंकि बुरी संगति का प्रभाव बहुत जल्दी पड़ता है।
अतः, मित्र का चुनाव करते समय हमें बहुत सावधानी बरतनी चाहिए और सोच-समझकर ही किसी को अपना मित्र बनाना चाहिए।
संदर्भ: