विवाह

क्या शीघ्रपतन के कारण पति-पत्नी में खटास बढ़ रही है और विवाह विच्छेद हो रहे हैं?

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क्या शीघ्रपतन के कारण पति-पत्नी में खटास बढ़ रही है और विवाह विच्छेद हो रहे हैं?

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पहले यह जाने कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है? आयुर्वेद में इसे स्तंभन दोष के नाम से बताया गया है।

ये पुरुषों में होने वाली नपुंसकता है, जिसमें स्त्री से संभोग के दौरान लिंग में ढीलापन बना रहता है।

सेक्स के लिए पुरुष के लिंग में पर्याप्त तनाव या कड़ापन न होना नामर्द व्यक्ति की पहचान है। शीघ्र पतन भी शीघ्र हो जाता है।

केवल आयुर्वेद में उपचार संभव है। नपुंसकता से पीड़ित मरीजों में पहले ऐसी किसी भी मूल शारीरिक और मानसिक स्थिति का पता लगाकर वात, पित्त और कफ को संतुलित किया जाता है।

सर्वप्रथम कब्ज नाशक या पेट साफ करने वाली दवाएं दी जाती हैं।

नपुंसकता का कारण

किसी शारीरिक या मानसिक अवस्‍था, तनाव, अवसाद, मानसिक अशांति, अंग्रेजी मेडिसिन का अधिक से से वीर्य सूखने लगता है और रिश्तों में मनमुटाव, और आत्मविश्वास की कमी हो जाती है।
दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेक्स मैगजीन मेन्स हेल्थ में प्रकाशित शोधपत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के यूरोलॉजिस्ट डॉ. हॉवर्ड ऑबर्ट ने लिखा है कि कहते हैं कि दरअसल, पुरुष का पेनिस (लिंग) तीन सिलेंडर से बना होता है। ऊपर के दो सिलेंडर स्पंज जैसे फैलने वाले टिश्यू से भरे होते हैं। वहीं, निचला सिलेंडर ब्लैडर से यूरिन को पास करता है।
सेक्स के दौरान जब व्यक्ति उत्तेजित होता है, तो वह नर्वस रेस्पॉन्स और उसकी वजह से शुरू होने वाली एक्टिविटी से होता है। इस समय रक्त (ब्लड) स्पंजी टिश्यू में आता है और वह फैल जाते हैं।
पुरुषों का आंतरिक सिस्टम कुछ ऐसा है कि ब्लड वहां आकर रुक जाता है। तब व्यक्ति को इरेक्शन महसूस होता है। इसके लिए जरूरी है कि नर्व से पर्याप्त मात्रा में नाइट्रिक ऑक्साइड निकलें।
लिंग की नसें इतनी खुलनी चाहिए कि उससे बहुत तेजी या स्पीड से खून निकल सके। जब किसी कारण से पेनिस तक ब्लड नहीं पहुंच पाता,तो उसमें इरेक्शन नहीं होता और इसे ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के क्या कारण हो सकते हैं?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई कारणों में स्ट्रेस, डिप्रेशन और परफॉर्मेंस संबंधी तनाव भी है।
अगर ब्लड फ्लो में कोई समस्या आ रही है, तो इसका असर इरेक्शन पर हो सकता है। नर्वस सिस्टम में कोई गड़बड़ी या हॉर्मोन सेंसिटिविटी भी इसकी वजह हो सकती है।
आम तौर पर इरेक्टाइल फंक्शन का संबंध सीधे-सीधे ब्लड सर्कुलेशन से होता है और इस वजह से इरेक्टाइल फंक्शन में कोई भी गड़बड़ी दिल की बीमारियों का संकेत भी हो सकती है।
पूरी दुनिया में कोविड-19 के कारण नई उम्र के पुरुषों में नपुंसकता की काफी समस्या बढ़ी है।
कोरोना की वजह से पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है और ब्लड सर्कुलेशन पर सीधे-सीधे असर पड़ता है।
पेनिस को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियां (आर्टरी) ब्लॉक या संकरी हो सकती है। अगर ऐसा हुआ और पेनिस तक ब्लड नहीं पहुंचेगा और तब इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है।
सेक्शुअल फंक्शन और फर्टिलिटी भी वायरस से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से जुड़ रही है। शारीरिक कसरत की कमी, अधिक भोजन और अत्यधिक शराब भी हेल्थ खराब कर रही है।”
पुरुषों की पोस्ट-कोविड सेक्शुअल लाइफ पर शोध

मार्च 2021 में जर्नल एंड्रोलॉजी में ‘मास्क अप टू कीप इट अप’ हेडिंग से प्रकाशित रिसर्च पेपर में कोविड-19 और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के संबंधों को बताया गया है।
इटली के पुरुषों पर की गई यह स्टडी बताती है कि कोविड-19 की वजह से कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचता है, जो पुरुषों में इरेक्शन पर असर डाल रहा है।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी का दावा है कि इन्फेक्शन के कई महीनों बाद भी पेनिस में इन्फेक्शन मिला है।
दावा किया गया है कि कोविड-19 की वजह से शरीर के कई सेल्स के काम करने के तरीकों पर असर पड़ा है जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण हो सकता है।
इन स्टडी के नतीजों की पुष्टि करते हुए दिल्ली के सेंटर फॉर रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी एंड एंड्रोलॉजी के डॉ. गौतम बंगा कहते हैं, “कोविड-19 ने दो तरह से पुरुषों की हेल्थ को प्रभावित किया है-
पहला सेक्शुअल हेल्थ और दूसरा मेंटल हेल्थ। महामारी ने लोगों को सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी परेशान किया है। इससे स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जाइटी हो रही है। इसका असर पुरुषों की ओवरऑल हेल्थ, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और फर्टिलिटी पर दिख रहा है।
नामर्दी से नुकसान स्थायी है या ठीक हो सकता है?

कोविड-19 महामारी के आने के डेढ़ साल बाद भी रिसर्चर्स अब भी समझने में लगे हैं कि यह वायरस लंबी अवधि में किस तरह की जटिलताएं पेश कर सकता है।
ब्लड क्लॉट्स की समस्या के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल इश्यू, दिल, फेफड़ों, किडनी को नुकसान पहुंचने की बात साबित हो चुकी है। कई महीनों बाद भी ये लक्षण दिख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से कुछ नुकसान स्थायी हो रहे हैं, जबकि कुछ अस्थायी। इरेक्टाइल डिसफंक्शन स्थायी है या नहीं, इस बारे में और रिसर्च की जरूरत है।
यह भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि कोविड-19 इन्फेक्शन से फर्टिलिटी प्रभावित हो रही है।
उम्र भी एक फैक्टर हो सकता है। बढ़ती उम्र की वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन और कोविड-19 की गंभीरता दोनों का खतरा होता है।
यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. रमन तंवर कहते हैं कि अभी भी कई कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, जिससे इम्प्लॉई ज्यादा समय तक काम कर रहे हैं।
यह तनाव, एंग्जाइटी, डिप्रेशन का कारण बन रहा है और इससे कार्डियक अटैक और रिप्रोडक्शन सिस्टम से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं। समय के साथ इसमें सुधार दिख सकता है।”
भारत में इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मामले सर्वाधिक

अंग्रजी चिकित्सकों के यहां स्तंभन दोष, गुप्त रोगों के बहुत अधिक पुरुष मरीज आ रहे हैं और dr हताश हैं। क्योंकि एलोपैथिक की कोई भी दवा अब असर नहीं कर रही है।
डॉ. प्रदीप कुमार लखनऊ के मुताबिक उनके पास दिमागी रूप से नर्वस इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या के साथ आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है।
दुनिया के कई हिस्सों में हुई स्टडी में यह साबित हुआ है कि कोविड-19 और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक-दूसरे से गहरा संबंध है।
कुछ लोग मानते हैं कि वेक्सिन लगने के बाद ये समस्या ज्यादा बढ़ी है।
आयुर्वेद में है शर्तिया इलाज

आयुर्वेद में शुक्रवल्लभ रस, स्वर्ण बसंत मालती, शुद्ध हिगुल, शुद्ध पारद, शुद्ध शिलाजीत, शुद्ध गुग्गुल, अश्वगंधा, सहस्थात्रावीर्य, कोंच बीज, मुलेठी, सफेद मूसली आदि 55 जड़ी बूटियां स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को जड़ से मिटाने में जबरदस्त कारगर हैं।
हमने गुगल पर अनेक सेक्स उत्पादों के फार्मूले देखे। लेकिन दमदार ओषधि केवल 2 ही ठीक लगी। उसका नाम है -
BFearal Gold malt और कैप्सूल। बस इसे 2 से तीन माह दूध के साथ लेकर आप 35 प्रकार की गुप्त बीमारिया को ठीक कर सकते हैं।
इंडिया मार्ट, अमेजन, Myupchar पर इसकी जानकारी उपलब्ध है।
आयुर्वेद की एक पुरानी किताब में नपुंसकता की चिकित्सा देखें




उत्तर लिखा · 17/1/2023
कर्म · 1790
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शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक ऐसी समस्या है जो पति-पत्नी के संबंधों में तनाव और असंतोष पैदा कर सकती है। हालांकि, यह कहना कि केवल शीघ्रपतन के कारण ही विवाह विच्छेद हो रहे हैं, पूरी तरह से सही नहीं है।

कारण और प्रभाव:

  • संबंधों में तनाव: शीघ्रपतन के कारण यौन संबंध में असंतुष्टि हो सकती है, जिससे पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ सकता है।
  • आत्मविश्वास में कमी: पुरुष में आत्मविश्वास की कमी और निराशा की भावना आ सकती है।
  • संचार की कमी: इस समस्या पर खुलकर बात न करने से गलतफहमी और दूरियां बढ़ सकती हैं।

अन्य कारण:

  • विवाह विच्छेद के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि आर्थिक समस्याएँ, व्यक्तित्व में टकराव, विश्वासघात, और पारिवारिक मुद्दे।
  • यह संभव है कि शीघ्रपतन केवल एक अतिरिक्त कारक हो जो पहले से मौजूद समस्याओं को और बढ़ा दे।

समाधान:

  • शीघ्रपतन का इलाज संभव है। दवाइयों, थेरेपी, और जीवनशैली में बदलाव से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
  • खुले तौर पर बात करना: पति-पत्नी को इस मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए और एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।
  • पेशेवर मदद: यौन चिकित्सक या संबंध सलाहकार से मदद लेने से संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष: शीघ्रपतन निश्चित रूप से पति-पत्नी के संबंधों में खटास पैदा कर सकता है, लेकिन यह विवाह विच्छेद का एकमात्र कारण नहीं है। समस्या का समाधान खोजने और आपसी समझ बढ़ाने से संबंधों को बचाया जा सकता है।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 220

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