साहित्य कविता

आज युद्ध जर्जर जगजीवन का भावार्थ पवित्र करने का?

1 उत्तर
1 answers

आज युद्ध जर्जर जगजीवन का भावार्थ पवित्र करने का?

0

'आज युद्ध जर्जर जगजीवन का भावार्थ पवित्र करने का' पंक्ति का अर्थ है कि आज युद्ध से तबाह हुए संसार में जीवन के अर्थ को शुद्ध और पवित्र करने का समय है। इसका तात्पर्य है कि हमें युद्ध और हिंसा से दूर रहकर, प्रेम, शांति और सद्भाव के मूल्यों को अपनाकर जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।

यह पंक्ति हमें यह भी याद दिलाती है कि युद्ध केवल विनाश और पीड़ा लाता है। इससे न केवल भौतिक नुकसान होता है, बल्कि मानवीय मूल्यों का भी ह्रास होता है। इसलिए, हमें युद्ध को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

यह पंक्ति हमें व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है। व्यक्तिगत स्तर पर, हमें अपने विचारों और कार्यों में प्रेम, करुणा और क्षमा को शामिल करना चाहिए। सामाजिक स्तर पर, हमें अन्याय, असमानता और उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

कुल मिलाकर, यह पंक्ति हमें युद्ध से तबाह हुए संसार में जीवन के अर्थ को फिर से खोजने और उसे पवित्र बनाने का आह्वान करती है।

उत्तर लिखा · 15/5/2025
कर्म · 320

Related Questions

पुष्प की अभिलाषा कविता में पुष्प के द्वारा क्या अभिलाषा व्यक्त की गई है?
उत्तर प्रदेश के प्रमुख कवियों की रचनाएँ क्या हैं?
छायावादी युग का समय बताते हुए इसके किन्हीं दो प्रमुख कवियों के नाम बताइए?
वह तोड़ती पत्थर कविता में महिला के संघर्ष का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए?
मैं नीर भरी दुख की बदली कविता में कवयित्री अपना क्या परिचय बताती हैं?
पद्माकर द्वारा चित्रित वसंत ऋतु का वर्णन कीजिए?
कविता में आए प्रकृति सौंदर्य के घटक क्या हैं?