पर्यावरण पारिस्थितिकी

एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है?

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एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है?

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एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है, जिसका अर्थ है कि ऊर्जा एक ही दिशा में बहती है। यह प्रवाह आमतौर पर सूर्य से शुरू होता है, जो पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है।

उत्पादक (Producers): सूर्य से ऊर्जा को प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से ग्रहण करते हैं। पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज में बदलते हैं। यह ग्लूकोज रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहीत होता है।

उपभोक्ता (Consumers): उत्पादकों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी) पौधों को खाते हैं, द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी) शाकाहारियों को खाते हैं, और तृतीयक उपभोक्ता द्वितीयक उपभोक्ताओं को खाते हैं। प्रत्येक स्तर पर, ऊर्जा का एक हिस्सा गर्मी के रूप में खो जाता है।

अपघटक (Decomposers): मृत जीवों और कार्बनिक पदार्थों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। बैक्टीरिया और कवक जैसे अपघटक मृत पौधों और जानवरों को सरल पदार्थों में तोड़ते हैं, जो मिट्टी में वापस चले जाते हैं और उत्पादकों द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

ऊर्जा प्रवाह के प्रत्येक स्तर पर, ऊर्जा का लगभग 90% गर्मी के रूप में खो जाता है, जिसे जीव अपने जीवन कार्यों के लिए उपयोग करते हैं। केवल 10% ऊर्जा अगले स्तर तक पहुंचती है। इसलिए, पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एक पिरामिड के आकार का होता है, जिसमें उत्पादकों के पास सबसे अधिक ऊर्जा होती है और शीर्ष उपभोक्ताओं के पास सबसे कम।

अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोतों को देख सकते हैं:

उत्तर लिखा · 9/6/2025
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