
संशोधन
कृती संशोधन (Action Research) आणि नवोपक्रम (Innovation) या विषयांवर आधारित ऑनलाइन आणि ऑफलाइन संदर्भ साहित्य खालीलप्रमाणे:
- NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद): NCERT च्या वेबसाइटवर तुम्हाला कृती संशोधन आणि शैक्षणिक नवोपक्रम यांवर आधारित अनेक लेख, पुस्तके आणि शैक्षणिक साहित्य मिळू शकते. NCERT Website
- DIKSHA Platform: या प्लॅटफॉर्मवर शिक्षक आणि विद्यार्थ्यांसाठी उपयुक्त असलेले कृती संशोधन, शैक्षणिक नवोपक्रम आणि तंत्रज्ञान आधारित शिक्षण यांवरचे साहित्य उपलब्ध आहे. DIKSHA Platform
- शोधगंगा (Shodhganga): येथे विविध विद्यापीठांमधील संशोधकांनी केलेले कृती संशोधनावरचे प्रबंध (theses) उपलब्ध आहेत. Shodhganga Website
- शैक्षणिक वेबसाइट्स आणि ब्लॉग: अनेक शैक्षणिक वेबसाइट्स आणि ब्लॉग कृती संशोधन आणि नवोपक्रम यांवर माहितीपूर्ण लेख प्रकाशित करतात. जसे की TeachThought, Edutopia. Edutopia
- पुस्तके:
- कृती संशोधन: स्वरूप आणि प्रक्रिया - लेखक: डॉ. सुधीर भोंगळे
- शैक्षणिक नवोपक्रम - लेखक: डॉ. रजनी देशमुख
- Action Research: A Guide for Teachers - लेखक: Geoff Elliott
- ನಿಯತಕಾಲಿಕೆಗಳು (Journals): शैक्षणिक नियತकालिकांमध्ये कृती संशोधन आणि नवोपक्रम यांवर आधारित लेख प्रकाशित होत असतात. उदा. 'The Educational Review'.
- कार्यशाळा आणि प्रशिक्षण कार्यक्रम: कृती संशोधन आणि नवोपक्रम या विषयांवर अनेक कार्यशाळा आणि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित केले जातात. यामध्ये सहभागी होऊन तुम्ही अधिक माहिती मिळवू शकता.
हे साहित्य तुम्हाला कृती संशोधन आणि नवोपक्रम यांबद्दल अधिक माहिती मिळवण्यासाठी उपयुक्त ठरू शकेल.
(a) साधारण विधि द्वारा संशोधन
(b) संसद के विशेष बहुमत द्वारा
(c) संसद के विशेष बहुमत और राज्य के विधान-मंडलों की स्वीकृति से संशोधन.
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन 1976 में हुआ था।
इसलिए, दिए गए विकल्पों में से कोई भी सही नहीं है, क्योंकि 43वां, 44वां और 45वां संशोधन मौलिक कर्तव्यों से संबंधित नहीं हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोत देख सकते हैं:
73वां संविधान संशोधन, 1992 भारत में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पारित किया गया था। इस संशोधन के अंतर्गत किए गए मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:
- पंचायतों का गठन: प्रत्येक राज्य में ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर पंचायतों का गठन किया जाएगा।
- सदस्यों का चुनाव: पंचायतों के सभी सदस्य सीधे चुनाव द्वारा चुने जाएंगे।
- आरक्षण: अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटों का आरक्षण होगा। महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित होंगी।
- कार्यकाल: पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा। यदि पंचायत को कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग कर दिया जाता है, तो 6 महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे।
- शक्तियां और कार्य: पंचायतों को आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने की शक्तियां दी जाएंगी। उन्हें राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए कार्यों को करने की भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
- वित्त आयोग: प्रत्येक राज्य में एक वित्त आयोग का गठन किया जाएगा जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा और राज्यपाल को सिफारिशें देगा।
- चुनाव आयोग: पंचायतों के चुनाव कराने के लिए एक राज्य चुनाव आयोग का गठन किया जाएगा।
यह संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को अधिक स्वायत्तता और शक्ति प्रदान करता है, जिससे वे ग्रामीण विकास में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकें।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोत देख सकते हैं:
- Constitution (Seventy-third Amendment) Act, 1992 - भारत सरकार का विधायी विभाग।
- The Constitution of India - भारत का संविधान।
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन (Constitution of India) द्वारा जोड़ा गया था, जो 1976 में हुआ था। इस संशोधन के माध्यम से संविधान में एक नया भाग भाग IV-ए जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 51ए के तहत 10 मौलिक कर्तव्य शामिल किए गए थे। बाद में, 86वें संशोधन (Legislative Department, Ministry of Law and Justice) द्वारा 2002 में एक और कर्तव्य जोड़ा गया, जिससे मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 हो गई।
- 42वां संशोधन: 1976 में हुआ।
- भाग IV-ए: जोड़ा गया।
- अनुच्छेद 51ए: मौलिक कर्तव्य शामिल।
- 86वां संशोधन: 2002 में हुआ, 11वां कर्तव्य जोड़ा गया।