
स्वास्थ्य
इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को एक निश्चित राशि तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिससे वे अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार, दवाएं, और अन्य संबंधित खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा संचालित होती है और इसके नियम और लाभ राज्य के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। कुछ राज्यों में इस योजना को आयुष्मान भारत योजना के साथ भी जोड़ा गया है, जिससे लाभार्थियों को और भी अधिक लाभ मिल सके।
अधिक जानकारी के लिए, आप अपने राज्य की स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
Lupizyme Plus Syrup एक डाइजेस्टिव एंजाइम सिरप है जिसका उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह निम्नलिखित समस्याओं में मदद कर सकता है:
- अपच
- पेट फूलना
- पेट में दर्द
- एसिडिटी
- भूख न लगना
यह सिरप भोजन को पचाने में मदद करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है। Lupizyme Plus Syrup में अल्फा एमाइलेज और पेप्सीन जैसे एंजाइम होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को तोड़ने में मदद करते हैं।
उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
अधिक जानकारी के लिए, आप यहां देख सकते हैं:
एंटासिड टैबलेट के मुख्य उपयोग:
- एसिडिटी से राहत: एंटासिड पेट में एसिड की मात्रा को कम करके एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाती हैं।
- सीने में जलन: ये टैबलेट सीने में जलन के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं।
- खट्टी डकार: एंटासिड खट्टी डकार की समस्या को भी दूर करती हैं।
- पेट की खराबी: ये टैबलेट पेट की खराबी और अपच से राहत दिलाती हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
गैस की समस्या के लिए कुछ बेहतरीन टैबलेट्स की सूची यहां दी गई है, जो आसानी से उपलब्ध हैं:
- पेंटोप्राजोल (Pantoprazole): यह एक प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर (PPI) है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करता है। यह गैस, एसिडिटी और सीने में जलन के लिए उपयोगी है।
- रेबेप्राजोल (Rabeprazole): यह भी PPI समूह की दवा है और पेंटोप्राजोल के समान काम करती है।
- ओमेप्राजोल (Omeprazole): यह भी एक PPI है और गैस की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।
- एसोमेप्राजोल (Esomeprazole): यह ओमेप्राजोल का ही एक रूप है और एसिडिटी को कम करने में प्रभावी है।
- सिमेटिडाइन (Cimetidine): यह एक H2-रिसेप्टर एंटागोनिस्ट है, जो पेट में एसिड के उत्पादन को कम करता है।
- रेनिटिडिन (Ranitidine): यह भी एक H2-रिसेप्टर एंटागोनिस्ट है, लेकिन अब यह बाजार में कम उपलब्ध है क्योंकि इसमें कुछ सुरक्षा संबंधी चिंताएं थीं।
- डाइजीन (Digene): यह एंटासिड है और पेट में एसिड को तुरंत निष्क्रिय करता है, जिससे तत्काल राहत मिलती है।
- गैस्ट्रो बाइंडर (Gastro Binder): यह दवा पेट में एसिड को बांधती है और एसिडिटी से राहत दिलाती है।
- एंटासिड (Antacid): एंटासिड दवाएं, जैसे कि मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड और एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड, पेट के एसिड को निष्क्रिय करके तुरंत राहत प्रदान करती हैं।
ध्यान दें: किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है या आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप यहां देख सकते हैं:
ओमी टैबलेट (Omee Tablet) एक दवा है जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसका उपयोग आमतौर पर निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:
- एसिडिटी और हार्टबर्न: यह पेट में एसिड के उत्पादन को कम करके सीने में जलन और एसिडिटी से राहत दिलाता है।
- पेट के अल्सर: ओमी टैबलेट पेट और ग्रहणी (duodenum) के अल्सर को ठीक करने में मदद करता है।
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट का एसिड भोजन नली (esophagus) में वापस चला जाता है, जिससे जलन होती है। ओमी टैबलेट GERD के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
- ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम: यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें पेट में अत्यधिक एसिड का उत्पादन होता है। ओमी टैबलेट इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद करता है।
- अन्य उपयोग: इसका उपयोग कुछ अन्य स्थितियों में भी किया जा सकता है, जैसे कि नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) के कारण होने वाले पेट के अल्सर को रोकने के लिए।
ओमी टैबलेट को आमतौर पर भोजन से पहले लिया जाता है। इसकी खुराक और लेने का तरीका डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है।
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बच्चों को नजर लगने से बचाने के लिए कई तरह के पारंपरिक तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें से कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- राई और नमक से नजर उतारना: थोड़ी सी राई, नमक और लाल मिर्च को बच्चे के सिर के ऊपर से सात बार घुमाएं और फिर उसे आग में डाल दें। ऐसा माना जाता है कि इससे नजर उतर जाती है।
- लहसुन और प्याज: लहसुन और प्याज को बच्चे के पास रखने से भी नजर नहीं लगती है। आप बच्चे के कपड़े में लहसुन की एक कली या प्याज का छोटा सा टुकड़ा रख सकते हैं।
- काला टीका: बच्चे के माथे पर या पैर के तलवे पर काला टीका लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है।
- नमक से नजर उतारना: मुट्ठी भर नमक लेकर बच्चे के सिर के ऊपर से तीन बार घुमाएं और फिर उसे पानी में बहा दें।
- झाड़-फूंक: कुछ लोग झाड़-फूंक करने वाले व्यक्ति के पास जाकर भी नजर उतरवाते हैं।
- हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी बुरी शक्तियों से बचाव होता है।
ये सभी उपाय पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन कई लोग इन पर विश्वास करते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को नजर लग गई है, तो आप इन उपायों को आजमा सकते हैं। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।