
पाचन तंत्र
- पानी खूब पिएं: दिन भर में खूब पानी पीने से मल नरम होता है और उसे पास करना आसान हो जाता है। पानी की कमी से कब्ज हो सकता है।
- फाइबर युक्त भोजन खाएं: फल, सब्जियां, और साबुत अनाज जैसे फाइबर युक्त भोजन खाने से मल त्याग नियमित होता है। फाइबर मल को भारी बनाता है, जिससे वह आसानी से गुजरता है।
- नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से पाचन क्रिया सुचारू रूप से चलती है। व्यायाम आंत्र को उत्तेजित करता है।
- शौच को न रोकें: जब आपको शौच करने की इच्छा हो, तो इसे न रोकें।
- प्रोबायोटिक्स: दही जैसे प्रोबायोटिक्स का सेवन पाचन क्रिया को बेहतर कर सकता है।
यदि इन उपायों से भी आपको आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- खान-पान में बदलाव:
- उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनसे गैस बनती है, जैसे कि बीन्स, पत्ता गोभी, प्याज, सोडा और तले हुए खाद्य पदार्थ।
- धीरे-धीरे खाएं और भोजन को अच्छी तरह चबाएं।
- एक बार में ज्यादा खाने की बजाय, दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।
- घरेलू उपचार:
- अदरक: अदरक पाचन को सुधारने में मदद करता है। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या भोजन में अदरक शामिल कर सकते हैं।
- पुदीना: पुदीना पेट की मांसपेशियों को आराम देता है और गैस को कम करता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं।
- हींग: हींग पाचन को बढ़ावा देता है और गैस से राहत दिलाता है। इसे पानी में मिलाकर पिएं।
- दवाएं:
- एंटासिड: ये पेट में एसिड को कम करते हैं और गैस से राहत दिलाते हैं।
- सिमेथिकोन: ये गैस के बुलबुले को तोड़ते हैं, जिससे गैस आसानी से निकल जाती है।
- जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम करें: व्यायाम पाचन को सुधारता है और गैस को कम करता है।
- तनाव कम करें: तनाव पाचन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए तनाव कम करने के तरीके खोजें, जैसे कि योग या ध्यान।
यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें। वे आपकी स्थिति का आकलन कर सकते हैं और उचित उपचार दे सकते हैं।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें।
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मानव पाचन तंत्र के मुख्य अंग:
- मुख: भोजन का अंतर्ग्रहण और लार के साथ मिश्रण, जिसमें एमाइलेज नामक एंजाइम होता है जो कार्बोहाइड्रेट को पचाना शुरू करता है।
- ग्रासनली: मुख से भोजन को पेट तक पहुंचाती है।
- पेट: भोजन को गैस्ट्रिक रस के साथ मिलाता है, जिसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम होता है जो प्रोटीन को पचाना शुरू करता है।
- छोटी आंत: पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। ग्रहणी, जेजुनम और इलियम इसके तीन भाग हैं। अग्न्याशय और पित्ताशय से रस आते हैं जो पाचन में मदद करते हैं।
- बड़ी आंत: पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का अवशोषण होता है, और अपशिष्ट पदार्थों को मल के रूप में जमा किया जाता है।
- गुदा: मल को शरीर से बाहर निकालता है।
पाचन की प्रक्रिया:
- अंतर्ग्रहण: मुख के माध्यम से भोजन का शरीर में प्रवेश।
- पाचन: भोजन को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ना। यह दो प्रकार का होता है:
- यांत्रिक पाचन: भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ना, जैसे कि चबाना।
- रासायनिक पाचन: एंजाइमों का उपयोग करके भोजन को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ना।
- अवशोषण: पचे हुए पोषक तत्वों को रक्तप्रवाह में अवशोषित करना।
- स्वांगीकरण: पोषक तत्वों का उपयोग ऊर्जा, विकास और कोशिकाओं की मरम्मत के लिए करना।
- मलत्याग: अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना।
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जीभ में छाले होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- मुंह के छाले (Aphthous Ulcers): ये छोटे, दर्दनाक घाव होते हैं जो जीभ, गालों के अंदर या होंठों पर हो सकते हैं। इनका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं।
- ट्रॉमा या चोट: जीभ को काटना, बहुत ज़ोर से ब्रश करना या डेंटल उपकरणों से चोट लगना भी छाले का कारण बन सकता है।
- संक्रमण: फंगल संक्रमण (जैसे थ्रश) या वायरल संक्रमण (जैसे हर्पीस सिम्प्लेक्स) भी जीभ पर छाले पैदा कर सकते हैं।
- एलर्जी: कुछ खाद्य पदार्थों या दवाओं से एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण भी जीभ में छाले हो सकते हैं।
- विटामिन की कमी: कुछ विटामिन और खनिजों की कमी, जैसे कि विटामिन बी12, फोलेट या आयरन, भी मुंह के छालों का कारण बन सकती है।
- अन्य चिकित्सीय स्थितियां: कुछ मामलों में, जीभ के छाले कुछ चिकित्सीय स्थितियों, जैसे कि सीलिएक रोग, क्रोहन रोग या बेहेसेट रोग का संकेत हो सकते हैं।
यदि छाले कुछ दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं, बहुत दर्दनाक हैं, या बार-बार होते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
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इसलिए कब्ज का लंबे समय तक का इलाज है एक्टिव life स्टाइल जैसे कि gym जाना, running करना, योगा करना या ऐसा कोई भी काम जिसमे मेहनत हो।
यदि कब्ज हो गया है तो आप कुछ दवाई ले सकते है जैसे कि त्रिफला चूर्ण, इसबगोल या कोई भी अंग्रेजी दवा लेकिन ये सब आपको permanent लाभ नहीं देगे।
✍️नीचे लिखे बिंदुओं पर ध्यान दे अपको कब्ज नहीं होगा....
👉 सुबह जल्दी उठे और उठते ही पानी पिए
👉 फिर व्यायाम या योगा करे जिसमे अपकी अच्छी मेहनत हो जाए
👉तेल की चीजों से बचे और चाय को कम से कम पीए
👉 पानी खूब पीए
👉खाना खाने से 1 घंटा पहले कुछ व्यायाम करे
👉खाने के बाद कुछ देर पैदल चले
👉खाने के तुरंत बाद पानी ना पीए
👉फाइबर युक्त चीजों का सेवन करे.. फल आदि खाए।