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यदि आपकी सैलरी रोकी गयी है, तो आप क्या कर सकते हैं?
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*_जॉब करने वाले जरूर पढ़ें ये खबर_*
*_Labour day Special_*
कानून के मुताबिक एक तय टाइम लिमिट में सैलरी से लेकर पीएफ देना तक जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर आप संबंधित कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
*_सैलरी न मिले तो क्या करें_*
> सबसे पहले ऐसे लॉयर जो इस तरह के मामले देखता हो, उनके जरिए इम्प्लॉयर को लीगल नोटिस भेज सकते हैं.
> फिर भी कंपनी सैलरी नहीं दे रही तो पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं.
> ऐसा होन पर आप लेबर कमिशनर को इसकी शिकायत कर सकते हैं.
> यदि कमिशनर ऑफिस से भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता तो आप कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट में आप इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट, 1947 के सेक्शन 33 (C) के तहत केस कर सकते हैं.
🏛 *_कैसे क्लेम कर सकते हैं_*
> यदि इम्प्लॉयर की तरफ से सैलरी रोकी गई है तो इम्प्लॉई खुद या अथॉराइज्ड पर्सन के जरिए मनी के लिए क्लेम कर सकता है.
> यदि इम्प्लॉई की डेथ हो जाती है तो उसके लीगल वारिस लेबर कोर्ट में जा सकते हैं.
> यदि कोर्ट संतुष्ट होता है तो कंपनी को तय अमाउंट देने के लिए निर्देशित कर सकता है.
⚖ *_इम्प्लॉई कम्पनसेशन एक्ट होता है लागू_*
> इम्प्लॉई कम्पनसेशन एक्ट के तहत अब मजदूर से लेकर क्लर्क तक आते हैं. यदि कंपनी बिना किसी कारण से छंटनी करती है तो इम्प्लॉई लेबर कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं.
> ग्रेजुएटी नहीं मिल रही तो एडिशनल लेबर कमिशनर के ऑफिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं. वहीं अगर दिया पीएफ रोका जा रहा है तो पीएफ कमिशनर को इसकी शिकायत करनी होगी.
> यदि किसी इम्प्लॉई का पद क्लर्क से ज्यादा लेवल का है तो वो सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में केस कर सकता है.
*_Labour day Special_*
कानून के मुताबिक एक तय टाइम लिमिट में सैलरी से लेकर पीएफ देना तक जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर आप संबंधित कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
*_सैलरी न मिले तो क्या करें_*
> सबसे पहले ऐसे लॉयर जो इस तरह के मामले देखता हो, उनके जरिए इम्प्लॉयर को लीगल नोटिस भेज सकते हैं.
> फिर भी कंपनी सैलरी नहीं दे रही तो पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं.
> ऐसा होन पर आप लेबर कमिशनर को इसकी शिकायत कर सकते हैं.
> यदि कमिशनर ऑफिस से भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता तो आप कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट में आप इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट, 1947 के सेक्शन 33 (C) के तहत केस कर सकते हैं.
🏛 *_कैसे क्लेम कर सकते हैं_*
> यदि इम्प्लॉयर की तरफ से सैलरी रोकी गई है तो इम्प्लॉई खुद या अथॉराइज्ड पर्सन के जरिए मनी के लिए क्लेम कर सकता है.
> यदि इम्प्लॉई की डेथ हो जाती है तो उसके लीगल वारिस लेबर कोर्ट में जा सकते हैं.
> यदि कोर्ट संतुष्ट होता है तो कंपनी को तय अमाउंट देने के लिए निर्देशित कर सकता है.
⚖ *_इम्प्लॉई कम्पनसेशन एक्ट होता है लागू_*
> इम्प्लॉई कम्पनसेशन एक्ट के तहत अब मजदूर से लेकर क्लर्क तक आते हैं. यदि कंपनी बिना किसी कारण से छंटनी करती है तो इम्प्लॉई लेबर कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं.
> ग्रेजुएटी नहीं मिल रही तो एडिशनल लेबर कमिशनर के ऑफिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं. वहीं अगर दिया पीएफ रोका जा रहा है तो पीएफ कमिशनर को इसकी शिकायत करनी होगी.
> यदि किसी इम्प्लॉई का पद क्लर्क से ज्यादा लेवल का है तो वो सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में केस कर सकता है.
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यदि आपकी सैलरी रोकी गई है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- अपने नियोक्ता से बात करें: सबसे पहले, अपने नियोक्ता या मानव संसाधन विभाग से संपर्क करें और उनसे सैलरी रोके जाने का कारण पूछें। उनसे लिखित में स्पष्टीकरण मांगने का प्रयास करें।
- कंपनी की नीतियों और श्रम कानूनों की जाँच करें: अपनी कंपनी की नीतियों और लागू श्रम कानूनों की समीक्षा करें। देखें कि क्या सैलरी रोके जाने के संबंध में कोई विशिष्ट नियम या प्रक्रिया है।
- कानूनी सलाह लें: यदि आपको लगता है कि सैलरी गैरकानूनी तरीके से रोकी गई है, तो श्रम कानूनों के विशेषज्ञ वकील से सलाह लें। वे आपको आपके अधिकारों और उपलब्ध कानूनी विकल्पों के बारे में बता सकते हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार
- श्रम विभाग में शिकायत दर्ज करें: यदि नियोक्ता आपकी सैलरी जारी करने से इनकार करता है, तो आप अपने क्षेत्र के श्रम विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। श्रम विभाग मामले की जांच करेगा और नियोक्ता को आपकी सैलरी जारी करने का निर्देश दे सकता है।
- कानूनी कार्रवाई करें: यदि अन्य सभी विकल्प विफल हो जाते हैं, तो आप अदालत में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर सकते हैं। एक वकील आपको मुकदमा दायर करने और अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।
इसके अतिरिक्त, आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- सैलरी रोके जाने के संबंध में सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें, जैसे कि नियुक्ति पत्र, सैलरी स्लिप, और नियोक्ता के साथ हुए पत्राचार।
- सैलरी रोके जाने की तारीख और समय सहित सभी प्रासंगिक विवरणों का रिकॉर्ड रखें।
- यदि संभव हो तो, अपने सहकर्मियों या अन्य गवाहों से समर्थन प्राप्त करें जो आपकी स्थिति की पुष्टि कर सकें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक मामले की परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं, इसलिए आपको अपनी विशिष्ट स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त कार्रवाई का निर्धारण करने के लिए कानूनी सलाह लेनी चाहिए।