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एनसीएफ-2005 के अनुसार गणित शिक्षण के उद्देश्य क्या हैं?
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एनसीएफ (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा) 2005 के अनुसार, गणित शिक्षण के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- बच्चों में गणितीय चिंतन और तर्कशक्ति का विकास करना: गणित को केवल सूत्रों और विधियों तक सीमित न रखकर, बच्चों को सोचने, तर्क करने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करने पर जोर दिया जाता है।
- समस्या-समाधान कौशल विकसित करना: गणितीय ज्ञान का उपयोग करके वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करना।
- गणित को बच्चों के अनुभवों का हिस्सा बनाना: गणित को उनके दैनिक जीवन से जोड़ना ताकि वे इसकी प्रासंगिकता को समझ सकें।
- गणित के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना: बच्चों में गणित के प्रति रुचि और आत्मविश्वास पैदा करना।
- अमूर्त अवधारणाओं को समझने की क्षमता विकसित करना: गणित में अमूर्त विचार और अवधारणाएँ होती हैं, और बच्चों को उन्हें समझने में सक्षम बनाना महत्वपूर्ण है।
- गणित को एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की क्षमता विकसित करना: अन्य विषयों और वास्तविक जीवन की स्थितियों में गणित का उपयोग करने की क्षमता विकसित करना।
एनसीएफ-2005 के अनुसार, गणित शिक्षण का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि बच्चों में गणितीय सोच और क्षमता का विकास करना है ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
अधिक जानकारी के लिए, आप एनसीईआरटी (NCERT) की वेबसाइट पर जा सकते हैं:
एनसीईआरटी (NCERT)