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सोरठा छंद की पहचान बताओ?
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सोरठा एक अर्धसम मात्रिक छंद है। यह दोहा छंद का उल्टा होता है। इसकी पहचान इस प्रकार है:
- यह दोहे का उल्टा होता है: सोरठा छंद, दोहा छंद से विपरीत होता है। दोहा के पहले और तीसरे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं जबकि सोरठा के पहले और तीसरे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं। इसी तरह, दोहा के दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं जबकि सोरठा के दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
- मात्राएँ: इसके विषम चरणों (पहले और तीसरे) में 11-11 मात्राएँ होती हैं और सम चरणों (दूसरे और चौथे) में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
- तुक: सम चरणों के अंत में तुक (rhyme) मिलती है।
- उदाहरण: जो सुमिरत सिधि होइ, गननायक करिबर बदन। करहु अनुग्रह सोइ, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।
इस उदाहरण में, पहली और तीसरी पंक्ति में 11-11 मात्राएँ हैं, और दूसरी और चौथी पंक्ति में 13-13 मात्राएँ हैं।