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प्यार और मोहब्बत में क्या अंतर है?

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प्यार और मोहब्बत में क्या अंतर है?

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ईश्वर से प्रेम के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, क्योंकि दुआओं में असर होता है.जब भी किसी को प्रेम करें तो याद रखें कि संयम और प्रतीक्षा सबसे उत्तम उपाय है.प्रेम प्राप्ति के लिए आप भगवान् कामदेव और देवी रति के साथ साथ शिव-शक्ति, गणपति, और भगवान विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं.इन्द्र देवता, अग्नि देवता, चन्द्रमा देवता, अप्सराओं व यक्षिणी देवियों की उपासना भी प्रेम प्रदान करती हैं.देवी दुर्गा जी से मांगी गयी प्रेम व सुख शान्ति सौभाग्य की तत्काल पूर्ती होती है.यदि प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो व्रत एवं दान बहुत सहायक होते हैं. 

मोहब्बत...  प्रेम... प्यार... प्रीत... चाहत... एक अहसास है जिसे शब्दों में व्यक्त कर पाना बहुत कठिन है. प्रेम को सिर्फ महसूस किया जा सकता है. यह सिर्फ भावनाओं का अटूट संबंध है. बहुत से लोगों का प्रश्न होता है कि प्रेम क्या है? प्रेम होता कैसे है? और जब होता है तो क्या होता है? प्रेम की महानता के ऐसे असंख्य किस्से, उदाहरण है जिन्हें हम कहीं ना कहीं अक्सर सुनते-पढ़ते और कहते रहते हैं. प्रेमियों के लिए आदर्श प्रेम है राधा-कृष्ण का प्रेम. श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन प्रेम ही सिखाता है.एक प्रकार से देखा जाए तो वेलेंटाइन बसंतोत्सव का ही एक आधुनिक नाम है क्योंकि यह दिन बसंत के मौसम में ही आता है. यह पर्व सिर्फ दो प्रेमियों तक सीमित नहीं रहता बल्कि पशु-पक्षी भी वेलेंटाइन-डे मनाते हैं. बसंत के मौसम ही पशु-पक्षियों का मिलन होता है.
भगवान श्रीकृष्ण ने भी अपने समय में संत वेलेंटाइन का किरदार निभाया था. वृंदावन की कुंज गलियों में गोपीओं के साथ भगवान श्रीकृष्ण बसंत ऋतु के दौरान रासलीलाएँ करते-करते गोपियों के मन में प्रेम के बीज को रोपित करते थे. उनकी बाँसुरी से छोड़े गए मधुर आलापों को सुनकर गोपियाँ सब कुछ छोड़कर इस प्यार के जादूगर के पास आ जाती थीं.
बसंत के दौरान ही पार्वती ने भगवान श्री शंकर के प्यार को जीतने में सफलता प्राप्त की थी. इस ऋतु में ही कामदेव और रति ने अपने मोहक नृत्य से भगवान श्री शंकर के मन में देवी पार्वती के प्रति प्यार का रस जगाया था. श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभ्रद्रा और अर्जुन को मिलवाने के लिए भी संत वेलेंटाइन की भूमिका निभाई थी.
खुदा जब इश्क की इबारत लिखने बैठा तो थोड़ी देर बाद ही अधूरा छोड़कर उठ बैठा. इसके अहसास को शिद्दत से महसूस करने के लिए ही इसका अधूरापन बहुत जरूरी है. खुदा ने यह जान-बूझकर अधूरा छोड़ा क्योंकि इसे पूरा कर देता तो इंसान को किसी चीज की जरूरत नहीं होती. किसी को खो देने की टीस किसी को पा लेने से खुशी से ज्यादा असर रखती है. हर किसी की जिंदगी में किसी को पा लेने की तीव्र उत्कंठा होती है, जो मंजिल तक नहीं पहुंच पाने के दर्द की शक्ल में हमेशा जिंदा रहती है. चाहे कुछ भी हो, प्रेम आपके अंतर्मन को नई परिभाषा देता है.
हमेशा किसी की हां से या किसी के पहलू में जिंदगी गुजारने से ही इश्क पूरा नहीं होता. इश्क होने से पहले क्या इस बात की शर्त रखी जाती है कि आप जिसे चाहें वह ताउम्र आपके पास रहे? क्या साथ रहना भी पास रहने जितना अहम नहीं है? शायद है, क्योंकि आपको उस शख्स से अहसासों का जुड़ाव है जो उम्र या फासलों से कभी नहीं मिट पाता.
कई कहानियां अनचाही चुभती टीस पर खत्म होती हैं. ऐसे में लगता है कि दुनिया में कुछ भी नहीं बचा. सब कुछ खत्म हो गया. लेकिन यहीं से आपकी मोहब्बत आपकी प्रेरणा बन जाती है. आपके सोचने की शक्ति आश्चर्यजनक रूप से बदलने लगती है. यह ऐसा वक्त होता है जब आपके भीतर सब कुछ टूटने लगता है लेकिन आपके अंदर सृजन नई अंगड़ाई लेता है.
इश्क वह मुकद्दस जज्बा है जिसमें डूबकर ही उसे समझा जा सकता है. किनारे बैठकर इसकी गहराई का अंदाजा नहीं लगा सकते. हर किसी की जिंदगी में ऐसा मौका आता है जब आपकी मोहब्बत उजड़ जाती है लेकिन यह अंत नहीं होता. यहां से आपकी नई यात्रा शुरू होती है. आपके अंतर की यात्रा, जिसमें आपको खुद को खोजना और पाना होता है.

वैलेंटाइन्स डे की खुमारी तकरीबन सारी दुनिया में देखी जा रही है. पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक.कहते हैं कि खुशियाँ मनाने के लिए बहानों की ज़रूरत पड़ती है. वैलेंटाइन्स डे का मौका नए दौर के नौजवानों के लिए ऐसा ही एक मौका होता है. हालांकि पश्चिमी देशों में वैलेंटाइन्स डे का चलन थोड़ा पुराना है पर पूरब में ये अपेक्षाकृत नया चलन है. वैलेंटाइन्स डे के दिन दुनिया भर में गुलाबों की बिक्री जबरदस्त तरीके से बढ़ जाती है.  ये मौका बाज़ार और कारोबार के लिहाज से भी अहम होता है. कई कंपनियाँ इस अवसर को भुनाने की कोशिश में रहती है. इस मौके पर दुनिया भर के प्रेमी युगल अपनी शादी की प्लानिंग कर रहे हैं


उत्तर लिखा · 7/6/2018
कर्म · 810
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प्यार और मोहब्बत, दोनों ही प्रेम की भावना को व्यक्त करते हैं, लेकिन उनके अर्थ और अभिव्यक्ति में कुछ सूक्ष्म अंतर हो सकते हैं:

प्यार:

  • यह एक व्यापक शब्द है जो स्नेह, देखभाल और लगाव की भावना को दर्शाता है।
  • यह परिवार, दोस्तों, पालतू जानवरों, और यहां तक कि वस्तुओं के प्रति भी हो सकता है।
  • प्यार में निस्वार्थता और त्याग की भावना अधिक होती है।
  • यह अधिक स्थिर और स्थायी हो सकता है।

मोहब्बत:

  • यह अक्सर रोमांटिक प्रेम को दर्शाता है, जिसमें तीव्र भावनाएं, आकर्षण और शारीरिक संबंध शामिल होते हैं।
  • यह अधिक तीव्र और भावुक हो सकता है।
  • मोहब्बत में अक्सर जुनून और कामुकता शामिल होती है।
  • यह समय के साथ बदल सकता है और इसमें उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

संक्षेप में, प्यार एक व्यापक और अधिक सामान्य शब्द है, जबकि मोहब्बत एक विशिष्ट प्रकार का प्रेम है जो रोमांटिक और भावुक होता है। हालांकि, इन दोनों शब्दों का उपयोग अक्सर एक दूसरे के स्थान पर भी किया जाता है, और इनका अर्थ संदर्भ के अनुसार बदल सकता है।

उत्तर लिखा · 12/3/2025
कर्म · 320

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